संगठन के गीत

मानवता के लिए उषा की किरण जगाने वाले हम।

शोषित पीड़ित वंछित जनो का भाग्य बनाने वाले हम ॥

हम अपने श्रम सीकर से उसर में स्वर्ण उगा देंगे।

कंकड़ पत्थर समतल कर काँटों में फूल खिला देंगे ।।

सतत् परिश्रम से है अपने है, वैभव लाने वाले हम ।

शोषित पीड़ित वंछित जनों का भाग्य बनाने वाले हम

मानवता के लिए उषा की, किरण जगाने वाले हम ॥ 1॥

अन्य किसी के मुँह की रोटी हरना अपना काम नहीं,

पर अपने अधिकार गंवाकर कर सकते आराम नहीं ।

अपने हित ओरो के हित का मेल मिलाने वाले हम

शोषित पीड़ित वंचित जनों का भाग्य बनाने वाले हम।

मानवता के लिए उषा की, किरण जगाने वाले हम ||2||

रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, आवश्यकता जीवन की,

व्यक्ति और परिवार सुखी हो, तभी मुक्ती होती सच्ची ।

हँसते-हँसते राष्ट्र कार्य में, शक्ति लगाने वाले हम ।

शोषित पीड़ित वंचित जनों का, भाग्य बनाने वाले हम।

मानवता के लिए उषा की, किरण जगाने वाले हम ॥3॥

भारतमाता का सुख गौरव, प्राणों से भी प्यारा है,

युग-युग से मानव हित करना शाश्वत धर्म हमारा है।

जीवन शक्ति उसी माता को, भेंट चढ़ाने वाले हम

शोषित पीड़ित वंचित जनों का, भाग्य बनाने वाले हम।

मानवता के लिए उषा की, किरण जगाने वाले हम ॥3॥

भारत माता की जय....